तनहाई..

दुपहरें ऐसी लगती हैं, बिना मोहरों के खाली खाने रखे हैं,
ना कोई खेलने वाला है बाज़ी, और ना कोई चाल चलता है

- गुलजार(from movie Raincoat)


सडकों पें, गलियों मे,
घर घर कि दिवारों पे
कुछ बाकिसा निशाण छोड गया है
...
तनहाईयोंका कैसा ये मौसम था
यादों को जो जिंदा कर गया है...

बहारे थी अभी,
फ़ूल भी महके थे,
एक झोंका कोइ सुखासा कर गया है
...
तनहाईयोंका कैसा ये मौसम था
यादों को जो जिंदा कर गया है...

--शब्दसखा!


बारिश की बुंदे बेमौसम बरसती है
रुकी सी जिंदगी फ़िर से उलझती है
आजकल,
तनहाई हमारी गलियोंसे से गुजरती है...

--शब्दसखा!


...
फ़ुरसत मे गुफ़्तगू हमसे
तनहाई भी हमारी कहा करती है
पतझड की कैसी ये उम्र है
तनहाई ही इसमे तनहा रहा करती है

--शब्दसखा!

...
ऋत ये कैसी है तनहाई की
अश्क भी आपके सवरते होंगे
यादे बरसती होगी आजकल
जिनमे कभी हमारा बसेरा था..

--शब्द्सखा!

1 प्रतिसाद:

*** Darshana *** said...

बारिश की बुंदे बेमौसम बरसती है
रुकी सी जिंदगी फ़िर से उलझती है
आजकल,
तनहाई हमारी गलियोंसे से गुजरती है...


very nice...