हुंदके

ऐन राती कापले का हुंदके हे?
झोपलो मी जागले का हुंदके हे?

आसवांना या ढळाया वाट नाही
पापण्यांनी व्यापले का हुंदके हे

का जरासा तुजसमोरी हासलो मी
मीच माझे दाबले का हुंदके हे?

जाळुनी गेल्या सरी मज पावसाळी
श्रावणी या तापले का हुंदके हे?

हासणे मी मागता तुजला जरासे
सांग ना तू लाभले का हुंदके हे?


--शब्द्सखा!

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